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Showing posts from September, 2018

तीन तलाक को तलाक

रधानमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में उस अध्यादेश को मंजूरी दी गयी जो तीन तलाक को अपराध घोषित करता है। सुप्रीमकोर्ट द्वारा तीन तलाक को अपराध घोषित करने और सर कार से कानून बनाने के आग्रह के बाद यह विधेयक संसद में लाया गया था। लोकसभा ने तो ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2017’ पारित कर दिया था, लेकिन राज्यसभा में राजग का बहुमत न होने से विधेयक अटक गया। कांग्रेस की मान-मनौव्वल के प्रयास बेकार गये। विपक्ष इसके प्रावधानों में कुछ संशोधन चाहता था। जाहिरा तौर पर मुद्दे के राजनीतिक निहितार्थ भी हैं और आगामी आम चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दांव-पेचों से इनकार भी नहीं किया जा सकता। अध्यादेश के बाद जहां सरकार ने कांग्रेस को निशाने पर लिया तो कांग्रेस ने भी इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने का आरोप लगाया। भाजपा कहती रही है कि आजादी के सत्तर साल बाद और संविधान में मौलिक अधिकारों का जिक्र होने के बाद भी मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक दिया जाना विडंबना ही है। कई मुस्लि म देशों में तीन तलाक पर रोक है लेकिन धर्मनिरपेक्ष भारत में राजनीतिक कारणों से इस पर रोक नहीं लगी।

भारत और अमरीका के लिए 2+2 क्यों अहम है?

भारत और अमरी का गुरुवार से द्विपक्षी य शिखर सम्मेलन 2+2 की शुरुआत करने जा रहे हैं. अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस अपने भारतीय समकक्षों विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ अपनी पहली 2+2 वार्ता में हिस्सा लेंगे. यह वार्ता दोनों देशों के बीच उच्च स्तर का भरोसा कायम करने के लिए है. बीबीसी संवाददाता मानसी दाश ने अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार हर्ष पंत से बातकर ये समझने की कोशिश की कि दोनों देशों के बीच  टू प्लस टू मैकेनिज़्म अमरीकी डिप्लोमेसी का ख़ास कॉन्सेप्ट है. इसमें अमरीका और सहयोगी देश के विदेश और रक्षा मंत्री बातचीत करते हैं. दो देशों के बीच मुख्य रणनीतिक संबं ध विदेश औ र रक्षा मंत्रालय ही देखते हैं. ऐसे में इन मंत्रियों के आपस में मिलने से कई महत्वपूर्ण निर्णय होते हैं. अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो पाकिस्तान से होते हुए भारत आए हैं. हाल ही में अमरीका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सैन्य मदद को रोक दिया था. इसलिए भारत और अमरीका के रिश्तों को इस परिप्रेक्ष्य में भी देखा जा रहा है. पहले समझा जाता था कि